Dushman-E Ahmad Pe Shiddat Kijiye
Mulhidon Ki Kya Murrawat Kijiye
Zikr Unka Chheriye Har Baat Me
Chherna Shaytaan Ka Aadat Kijiye
Misl-E Faras Zalzalay Hoon Najdmein
Zikr-E Aayaat-E Wilaadat Kijiye
Ghaiz Mein Jal Jaa-Ein Be Deeno Ke Dil
Yaa Rasool Allah Ki Kasrat Kijiye
Kijiye Charcha Unhee Ka Subh-O Shaam
Jaan-E Kaafir Par Qayamat Kijiye
Shirk Thehre Jis Mein Ta’zeem-E Habeeb
Us Bureh Mazhab Pe Laanat Kijiye
Zaalimo! Mahboob Ka Haqq Tha Yehi
Ishq Ke Badle Adaawat Kijiye
Ghaus-E-Azam Aap Se Faryaad Hai
Zinda Phir Ye Paak Millat Kijiye
Mere Aaqa Hazrate Ach’che Mia
Ho Raza Ac’cha Wo Soorat Kijiye
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दुश्मन-ए अहमद पे शिद्दत किजिये
मुलहिदों की किया मुरव्वत किजिये
जिक्र उनका छेरिये हर बात में
छेरना शेतान का आदत किजिये
मिसले फारस ज़लज़ले हो नज्द में
ज़िक्र-ए आयते विलादत किजिये
ग़ैज़ में जल जा ये बे दीनो के दिल
या रसूल अल्लाह की कसरत किजिये
किजिये चर्चा उन्हीं का सुबहो शाम
जाने काफिर पर कयामत किजिये
शिर्क ठेहरे जिस में ता'ज़ीमे हबीब
उस बुरे मज़हब पे लानत किजिये
ज़ालिमो! महबूब का हक था यहीं
इश्क के बदले अदावत किजिये
ग़ौस-ए-आज़म आप से फरियाद हे
जिंदा फिर ये पाक मिल्लत किजिये
मेरे आका हज़रते अच्छे मियां
हो रज़ा अच्छा वो सूरत किजिये