Meri ulfat Madine Se Youn Hi Nahi Naat Lyrics

मेरी उल्फत मदीने से यूँ ही नहीं, मेरे आक़ा का रोज़ा मदीने में है
मैं मदीने की जानिब न कैसे खींचूं, मेरा दीन और दुनिया मदीने में है

मेरी उल्फत मदीने से यूँ ही नहीं, मेरे आक़ा का रोज़ा मदीने में है

फ़िर मुझे मौत का कोई ख़तरा न हो, मौत क्या ज़िंदगी की भी परवा न हो
काश ! इक बार सरकार मुझ से कहें, अब तेरा जीना-मरना मदीने में है

मेरी उल्फत मदीने से यूँ ही नहीं, मेरे आक़ा का रोज़ा मदीने में है

अर्श-ए-आज़म से जिस की बड़ी शान है, रोज़ा-ए-मुस्तफा जिस की पहचान है
जिस का हम-पल्ला कोई मोहल्ला नहीं, एक ऐसा मोहल्ला मदीने में है

मेरी उल्फत मदीने से यूँ ही नहीं, मेरे आक़ा का रोज़ा मदीने में है

सरवर-ए-दो-जहाँ ! मुदआ है मेरा, हां ! बदू-चश्म-ए-तर मुदआ है मेरा
उन की फेहरिस्त में मेरा भी नाम हो, जिन का रोज़ आना-जाना मदीने में है

मेरी उल्फत मदीने से यूँ ही नहीं, मेरे आक़ा का रोज़ा मदीने में है

जब नज़र सू-ए-तयबा रवाना हुई, साथ दिल भी गया, साथ जां भी गई
मैं मुनीर अब रहूँगा यहाँ किस लिए ! मेरा सारा असासा मदीने में है

मेरी उल्फत मदीने से यूँ ही नहीं, मेरे आक़ा का रोज़ा मदीने में है

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Meri ulfat Madine se youn hi nahi
Mere aaqa ka rouza Madine mein hai
Mein Madine ki jaanib na kaise khinchu
Mera deen aur dunya madine mein hai

Arsh e azam se jis ki barri shaan hai
Roza e mustafa jis ki pehchaan hai
Jis ka humpalla koi muhalla nahi
Eik aisa muhalla Madine mein hai

Phir mujhe maut ka koi khatra na ho
Maut kya zindagi ki bhi parwa na ho
Kaash sarkar eik baar mujh se kahein
Ab tera marna jeena Madine mein hai

Sarware do jahaa se dua hai meri
Han bado chashmey tar ilteja hai meri
Un ki feh-rist mein mera bhi naam ho
Jinn ka roz ana jaana Madine mein hai

Jab nazar sue taiba rawana hui
Saath dil bhi gaya saath jaan bhi gai
Main muneer ab rahoon ga yahan kis liye
Mera saara asasa Madine mein hai

 



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