अबू बकर अबू बकर प्यारा प्यारा सिद्दीकहै
मेरी आन मेरी जान मेरे सिद्दीके अकबर
हर एक मोमिन की पहचान मेरे सिद्दीके अकबर
मेरे सिद्दीक के अकबर में रे सिद्धि के अकबर
पहला पहला पहला खलीफा खलीफा
साला रे सालार ए सहाबा सहाबा
हर एक सुन्नी दिल से बोला बोला मेरा आका मेरा मौला
अबू बकर अबू बकर अबू बकर अबू बकर
साने सिद्दीक के अकबर पे कुर्बान ताजदार ए रिसालत की क्या बात है
जिसको सिद्दीक खुद मुस्तफा ने कहा उस सराफा सदाकत की क्या बात है
मेरी जान मेरी जान मेरे सिद्दीक के अकबर हर एक मोमिन की पहचान मेरे सिद्धि के अकबर
सारे खलकात की रहमत समेटे हुए जिस जगह पर है
सिद्दीक लेटे हुए उस मोहम्मद के हुजरे पे कुर्बान
मैं उसके फिरदौस जन्नत की क्या बात है
मेरी आन मेरी जान मेरे सिद्दीके अकबर
हर एक मोमिन की पहचान मेरे सिद्दीके अकबर
पहला पहला पहला खलीफा खलीफा
साला रे सालार ए सहाबा सहाबा
हर एक सुन्नी दिल से बोला बोला
मेरा आका मेरा मौला
अबू बकर अबू बकर अबू बकर
नामे अकदस पे सिद्दीक का जुमना इसका उल्फत में अंगूठा जुमना ।।
Submit By Sher Mohammad Gauri