ऊठाते हैं हाथ ए अहले इमां मदीने वाले सलाम लेलो,
तुम्हारे सड़के तुम्हारे कुर्बा मदीने वाले सलाम लेलो।
दुरुद पढ़ के बड़े अदबसे सलाम केहना शहे अरब से,
दुरुद पढ़ते हे सब मुसलमा मदीने वाले सलाम लेलो।
चमन का मुझको भी फूल देदो नहीं तो कदमो की धूल देदो,
खड़े है दर पर सभी सवाली मदीने वाले सलाम लेलो।
सलामें यज़्दा सदिये क़ुरान तुम्हि से मज़हज तुम्हि से इमां,
निसार तुम पर मेरा दिलो-जान मदीने वाले सलाम लेलो।
नबी गरीबो की बात रखलो हुज़ुर हम सबकी लाज रखलो,
हमारी मुश्किल आसान करदो मदीने वाले सलाम लेलो।
शायर: बुल-बुले गुजरात कारी अताउर्रहमान
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